बीकानेर माइनिंग ऑफिस में अब किसका का नम्बर, लम्बे समय से जड़े जमाये बैठे कार्मिकों पर सरकार की नजर

जयपुर। बीकानेर में लम्बे समय से चल रहे अवैध माइनिंग के मामले में राजस्थान सरकार का खान विभाग सक्रीय हो चूका है। इस मामले में सरकार ने बीकानेर माइनिंग इंजीनियर को निलंबित किया है। वही कुछ अन्य पर भी कार्यवाही की जा सकती है।

लम्बे समय से हो रही है शिकायते
बीकानेर जिले में अवैध माइनिंग और अवैध वाहनों की निकासी को लेकर राजस्थान सरकार के पास लम्बे समय से शिकायते जा रही है। कई जनप्रतिनिधियों ने भी सरकार के पास ऐसी शिकायते पहुचाई है। जिस पर राज्य सरकार ने गुरुवार को एक बड़ा एक्शन लिया और इसके लिए जिम्मेवार अधिकारी पर कार्यवाही की है।

वर्षों से एक ही ऑफिस में जमे कार्मिकों पर नजर
अवैध माइनिंग और अवैध वाहनों की निकासी मामले मे सरकार के पास शिकायते मिल रही है कि बीकानेर माइनिंग ऑफिस में लम्बे समय से जमे कार्मिकों की इसमें मिली भगत है और इससे सरकार को राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा ही। ऐसे में अब सरकार की नजर ऐसे कार्मिकों पर है । सरकार ने इनकी कुंडली खगालनी शुरू कर दी है।

20 वर्षों से जमे है एक ही ऑफिस में -जानकारी के अनुसार बीकानेर माइनिंग ऑफिस में ऐसे भी कार्मिक है ,जो पिछले 15 से 20 वर्षों से एक ही ऑफिस में जमे हुए है। सरकार के आदेशों के खिलाफ ये लोग कोर्ट जाकर स्टे लेकर फिर से उसी ऑफिस में काबिज है।

उदयपुर मुख्यालय से मिलता है सहयोग
वर्षों से एक ही ऑफिस में जमे कार्मिकों को अन्यंत्र भेजने के सरकार के फैसले पर पूरी तरह अमल नहीं हो रहा है। जानकर बताते है कि इन लोगों को उदयपुर मुख्यालय से सहयोग मिलने से ये ट्रांसफर होने पर स्टे ले आते है या फिर रिलीव ही नहीं होते है।

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