Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
Physical Address
304 North Cardinal St.
Dorchester Center, MA 02124
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। यह सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। यह सत्र कुल 15 बैठकों वाला है, जो मोदी सरकार के तहत सबसे छोटा सत्र माना जा रहा है। पहले दिन (1 दिसंबर) दोनों सदनों में हंगामा हुआ था, खासकर विपक्ष द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर बहस की मांग को लेकर। लोकसभा में मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) विधेयक पारित हुआ, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष वॉकआउट कर गया। दोनों सदन कल (2 दिसंबर) सुबह 11 बजे फिर से शुरू हुए थे।
मुख्य अपडेट :
राज्यसभा में: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के लिए पूरक अनुदान मांगें पेश कीं। साथ ही, केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा और पारित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। यह विधेयक 1944 के केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम में संशोधन के लिए है।
लोकसभा में आज : (2 दिसंबर) पहले दिन के हंगामे के बाद, आज विधायी कार्यों पर फोकस हो सकता है। सरकार 14 विधेयकों को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है, लेकिन विपक्ष SIR, दिल्ली विस्फोट, और वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों पर बहस की मांग कर सकता है।
प्र
धानमंत्री मोदी का बयान: पहले दिन पीएम ने विपक्ष से अपील की थी कि संसद को “नाटक का मंच” न बनाएं और नए सांसदों को अधिक बोलने का मौका दें। उन्होंने कहा, “संसद देश की उम्मीदों का केंद्र है, न कि शोबाजी का।”
मुख्य विधेयक जो इस सत्र में आने वाले हैं:
आणविक ऊर्जा विधेयक, 2025: परमाणु ऊर्जा के उपयोग को नियंत्रित करेगा, निजी क्षेत्र को इसमें भागीदारी देगा।
उच्च शिक्षा आयोग ऑफ इंडिया विधेयक: UGC, AICTE जैसे नियामकों को एकीकृत करेगा।
इंश्योरेंस लॉज (संशोधन) विधेयक, 2025: बीमा क्षेत्र में FDI सीमा 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव।
सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड विधेयक, 2025: SEBI एक्ट आदि को एकीकृत करेगा।
अन्य: दिवाला और दिवालियापन संहिता संशोधन, राष्ट्रीय राजमार्ग संशोधन, जन विश्वास संशोधन विधेयक आदि।
विपक्ष की रणनीति:
इंडिया गठबंधन SIR (चुनावी रोल की विशेष संशोधन) पर बहस चाहता है, जिसे “वोट चोरी” का आरोप लगा रहा है। दिल्ली के लाल किले विस्फोट और AQI पर भी फोकस।
पहले दिन राज्यसभा में एडजर्नमेंट मोशन लाया गया, लेकिन सरकार ने अस्वीकार कर दिया। सत्र के दौरान आर्थिक सुधारों पर जोर रहेगा, लेकिन राजनीतिक तनाव बरकरार है।