August 5, 2025
Tharoor again praised PM Modi, called him ‘prime asset’

मतभेदों को थरूर ने किया स्वीकार

नई दिल्ली,एनएसआई मीडिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक बार फिर अपनी पार्टी की आधिकारिक लाइन से हटकर बयान देकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की और उन्हें भारत के लिए ‘प्राइम एसेट’ करार दिया। द हिंदू में प्रकाशित एक लेख में थरूर ने पीएम मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और वैश्विक मंच पर संवाद की तत्परता को भारत की कूटनीतिक ताकत का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना कर रही है, जिससे थरूर का रुख पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा है।

भारत की कूटनीतिक पहल की सराहना
थरूर ने अपने लेख में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की कूटनीतिक पहल की सराहना की, जिसे उन्होंने ‘राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद’ का उदाहरण बताया। थरूर ने इसे एकजुट भारत की ताकत का प्रतीक माना। उन्होंने कहा कि भारत ने इस अभियान के जरिए न केवल सैन्य दृढ़ता दिखाई, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी अपनी बात प्रभावी ढंग से रखी।
PMO ने थरूर के लेख को किया शेयर
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर कांग्रेस नेता शशि थरूर के लेख को शेयर किया। लेख को शेयर करते हुए लिखा- “लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शशि थरूर लिखते हैं – ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक पहुंच से सबक।” वहीं भाजपा ने थरूर के लेख को लेकर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि यह राहुल गांधी के रुख के विपरीत है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने थरूर द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से भारत को होने वाले लाभ को मान्यता दिए जाने के बारे में एक्स पर पोस्ट किया।

पहले भी पीएम मोदी की कर चुके हैं तारीफ
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने मोदी की तारीफ की हो। इससे पहले भी वह रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में भारत की तटस्थ नीति और पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा की सराहना कर चुके हैं।
मतभेदों को थरूर ने स्वीकार किया
हाल ही में, शशि थरूर ने पार्टी के कुछ नेताओं के साथ मतभेदों को स्वीकार किया, हालांकि इसे उन्होंने सामान्य वैचारिक असहमति बताया। थरूर ने स्पष्ट किया कि वह पिछले 16 वर्षों से कांग्रेस के प्रति वफादार हैं और उनकी प्राथमिकता राष्ट्रीय हित है, न कि दलगत राजनीति। फिर भी, उनके बार-बार पार्टी लाइन से हटकर बयान देने से यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह कांग्रेस के भविष्य में अपनी भूमिका को लेकर असमंजस में हैं या कोई नई सियासी जमीन तलाश रहे हैं।

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