
नई दिल्ली। चीन में दुनिया के दो बड़े लीडर्स मिलेंगे। इनकी मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है। चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बाइलैट्रस मीटिंग होगी। दोनों लीडर्स के हाव भाव को दुनिया नोटिस करेगी।
आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर हो सक्तु है बात
SCO समिट से अलग दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर बात हो सकती है. और बड़ी बात ये है कि ये मीटिंग ऐसे वक्त हो रही है. जब ट्रंप के टैरिफ वॉर और उनकी कारोबार वाली धमकियों का सामना भारत और चीन दोनों ही देश कर रहे हैं. इसलिए मीटिंग पर प्रेसिडेंट ट्रंप की नजर भी होगी. हो सकता है ट्रंप की टैरिफ दादागीरी के खिलाफ नए नए इकॉनमिक वर्ल्ड ऑर्डर की शुरुआत हो जाए।
रक्षा मंत्री हो या फिर कृषि मंत्री..सब इसी लाइन पर बात कर रहे हैं..लेकिन इस वक्त सोशल मीडिया से लेकर ग्लोबल मीडिया पर भारत और चीन के रिश्तों का जिक्र हो रहा है. क्योंकि अमेरिका ने एक ऐसा विंडो दे दिया.जिसे दोनों मुल्क कैश करना चाहेंगे..और ऐसा करने की वजह भी है। पीएम मोदी ने जापान से निकलने से पहले चीन को लेकर सवाल का जवाब दिया।
चीन और भारत दोनों ही सुधारना चाहते हैं रिश्ता
भारत और चीन के संबंध भरोसे की कसौटी पर परखे जाते रहे हैं. लेकिन अमेरिका के ट्रंप वॉर के बाद से बार-बार ये संदेश सामने आ रहा है कि चीन..भारत के करीब आना चाहता है. चीन का माउथपीस हो या फिर वहां का विदेश मंत्रालय. सब लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस वक्त दोनों देश मिलकर आर्थिक विकास का नया रोडमैप तैयार करें. यही बात जिनपिंग की सीक्रेट चिट्ठी में भी थी।