August 5, 2025

प्रधानमंत्री 22 मई को रहेंगे बीकानेर दौरे पर

जयपुर/,बीकानेर 21 मई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गुरूवार (22 मई) को बीकानेर से 26 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित देशनोक रेलवे स्टेशन का दौरा करेंगे तथा बीकानेर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री देशनोक स्थित विश्वप्रसिद्ध करणी माता मंदिर में दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा भी बीकानेर में उनके साथ उपस्थित रहेंगे।

यशस्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देशभर में सांस्कृतिक विरासत, दिव्यांगजन केंद्रित सुविधाएं और यात्रियों की सुगमता के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत रेलवे स्टेशनों पर आधुनिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री द्वारा 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकसित 103 अमृत रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया जाएगा जिसमें राजस्थान के 8 रेलवे स्टेशन (फतेहपुर शेखावाटी, देशनोक, बूंदी, मांडलगढ़, गोगामेड़ी, राजगढ़, गोविंदगढ़, मंडावर-महुआ रोड) शामिल हैं। देशनोक रेलवे स्टेशन में मंदिर वास्तुकला, मेहराब और स्तंभ विषयवस्तु शैली उपयोग में ली गई है जिससे क्षेत्रीय वास्तुकला को बढ़ावा मिलेगा।

रेलवे स्टेशनों पर बुनियादी ढांचा किया जा रहा सुदृढ़
भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण की ओर अग्रसर है जिससे रेलवे संचालन अधिक कुशल तथा पर्यावरण अनुकूल बन रहा है। इसी क्रम में श्री मोदी चूरू-सादुलपुर रेल लाइन (58 किमी) की आधारशिला रखेंगे तथा सूरतगढ़-फलोदी (336 किमी), फुलेरा-डेगाना (109 किमी), उदयपुर-हिम्मतनगर (210 किमी), फलोदी-जैसलमेर (157 किमी) तथा समदड़ी-बाड़मेर (129 किमी) रेल लाइन विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

मजबूत सड़क तंत्र से सुरक्षा बलों को आवाजाही में होगी सुगमता
प्रधानमंत्री सड़क अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए पुष्कर में एनएच-58 पर 3 वाहन अंडरपास के निर्माण तथा एनएच-11, एनएच-70 (जैसलमेर से म्याजलार) की सड़कों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की आधारशिला रखेंगे। साथ ही, राजस्थान में लगभग 4 हजार 850 करोड़ की 7 सड़क परियोजनाओं को भी समर्पित करेंगे। इनसे आवागमन सुगम हो सकेगा। साथ ही, इन राजमार्गों के भारत-पाक सीमा तक फैले होने के कारण सुरक्षा बलों के लिए आवाजाही में सुगमता बढ़ेगी और भारत का रक्षा बुनियादी ढांचा भी मजबूत होगा।

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