
बीकानेर। बीकानेर माइनिंग विभाग में भष्टाचार का खुला खेल बिना रोकटोक खेला जा रहा है। इस काम में शामिल कारिंदों को भष्टाचार निरोधक विभाग का भी भय नहीं है और हर महीने काली कमाई से लाखों रुपयों बना रहे है। इस आशय की शिकायतें माइनिंग विभाग के प्रमुख शासन सचिव से की गई है।
पट्टेऔर लीज में लाखों की कमाई
शिकायत में बताया कि माइनिंग विभाग में जिप्सम पट्टे के आवेदन में सरकारी कोई फीस नहीं है। जबकि बीकानेर में विभाग के ये कारिंदे एक जिप्सम पट्टे पर 4 -5 लाख रूपये वसूल रहे है। जिसकी आपस में मिल बंदर बाँट करते है। वही क्ले सहित अन्य लीज के लिए सरकार ने निर्धारित फ़ीस यानि शुल्क तय कर रखा है। लेकिन ये कारिंदे 10 से 12 लाख तक अवैध वसूली आवेदक से करते है।
13 सौ से अधिक पट्टे में,करोड़ों का लेनदेन
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि बीकानेर माइनिंग विभाग ने पिछले 4 -5 वर्षों में 13 सौ से अधिक जिप्सम के पट्टे जारी किये है। एक पट्टे पर 4 लाख रूपये वसूले जा रहे है। यानि 13 सौ पट्टे बनने में 50 करोड़ से भी अधिक की काली कमाई की गई है।
अफसरों से सेटिंग वर्षों से जमे है
जानकारी के अनुसार विभाग के अंदर बैठकर भष्टाचार का खुला खेल खेलने वालों की माइनिंग विभाग के हेड ऑफिस उदयपुर में अच्छी सेटिंग होने के कारण वे वर्षों से एक ही ऑफिस और कमाई की सीटों पर जमे है।
मुख्य सचिव का आदेश भी बेअसर
जानकारी के अनुसार बीजेपी सरकार बनने के बाद मुख्य सचिव ने लम्बे समय से एक ही विभाग कार्य करने वाले लोगों को सीट से हटाकर अन्यत्र भेजने संबधी आदेश जारी किया। खान विभाग को भी ऐसे निर्देश दिए गए। विभाग ने कई लोगों को विभाग ने इधर उधर भी किया। लेकिन वर्षों से एक ही सीट पर बैठे काली कमाई करने वाले ये कारिंदे आज भी जहाँ है वही पदस्थापित है।
शिकायतों को कर लिए है मैनेज
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि लम्बे समय से कमाई की सीटों पर बैठे लोगों की उच्च अधिकारियों को शिकायतें की जा रही है। लेकिन ये लोग पैसे के बल पर शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं होने देते।
प्राइवेट लोगों को अलग से वेतन
शिकायतकर्ता ने लिखा है कि काली कमाई से जुड़े लोगों ने सरकारी नियम विपरीत कार्यालय में प्राइवेट लोगों को जॉब दे रखा है। ऐसे लोगों की संख्या तीन से चार बताई जा रही है। इन लोगों का वेतन काली कमाई की राशि में से दिया जा रहा है। .