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नई दिल्ली/न्यूयॉर्क, 16 नवंबर,एनएसआई मीडिया। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रविवार को बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लतीफ बिन रशीद अल जायनी के साथ टेलीफोन पर विस्तृत बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-बहरीन के बीच लंबे समय से चली आ रही बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। साथ ही, वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक विकासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
डॉ. जयशंकर, जो वर्तमान में न्यूयॉर्क में हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में कहा, "बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लतीफ बिन रशीद अल जायनी से फोन पर बात करके अच्छा लगा। हमने हमारी लंबे समय से चली आ रही बहुआयामी साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
साथ ही, वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक विकासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। "बहरीन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों पर भी विचार-विमर्श हुआ। यह बातचीत दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालिया पृष्ठभूमि और द्विपक्षीय संबंधयह बातचीत इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय संयुक्त आयोग की बैठक के बाद आती है, जहां दोनों विदेश मंत्रियों ने व्यापक चर्चा की थी। 2-4 नवंबर 2025 को हुई पांचवीं भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (एचजेएस) की बैठक में दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस बैठक में भारत और बहरीन ने एक महत्वाकांक्षी व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत शुरू करने का ऐलान किया।वर्तमान में भारत बहरीन का शीर्ष पांच व्यापारिक साझेदारों में से एक है।
वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.64 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें पेट्रोलियम उत्पाद, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य पदार्थ शामिल हैं। बहरीन में लगभग 3,32,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जो देश की कुल 15 लाख आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा हैं। डॉ. जयशंकर ने हालिया बैठक में बहरीन नेतृत्व का भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए धन्यवाद दिया।
दोनों देशों ने आतंकवाद की निंदा की और सीमा-पार आतंकवाद से निपटने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही, गाजा में सकारात्मक विकास का स्वागत किया, जो मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव को कम करने में मददगार साबित हो रहा है।क्षेत्रीय और वैश्विक संदर्भबातचीत में मध्य पूर्व की बदलती भू-राजनीति, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक चुनौतियों पर भी फोकस रहा। भारत और बहरीन दोनों ही बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के पक्षधर हैं, जो आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करेगा।यह वार्ता भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' और 'एक्ट ईस्ट' नीतियों के अनुरूप है, जो पश्चिम एशिया के महत्वपूर्ण देश बहरीन के साथ संबंधों को प्राथमिकता देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सीईपीए और निवेश संधि जैसे कदम दोनों अर्थव्यवस्थाओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।