August 12, 2025

पेपर लीक मामले में एसओजी ने की कार्यवाही

जयपुर। राजस्थान के विशेष ऑपरेशन समूह (SOG) ने 2021 के सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) हेड कांस्टेबल राजकुमार यादव और उनके बेटे भरत यादव को हिरासत में लिया है। यह घटना राजस्थान की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में एक बड़े विवाद का कारण बन गई है, क्योंकि यह पहली बार है कि पेपर लीक जैसे गंभीर मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के सुरक्षा दायरे से जुड़े व्यक्ति का नाम सामने आया है।

एसओजी की जांच में पता चला है कि राजकुमार यादव ने अपने बेटे भरत यादव को 2021 की SI भर्ती परीक्षा में पास कराने के लिए मोटी रकम देकर प्रश्नपत्र खरीदा था। जांच के अनुसार, इस पेपर लीक का लाभ उठाकर भरत यादव ने लिखित परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन वह शारीरिक दक्षता परीक्षा (फिजिकल टेस्ट) में असफल रहा। एसओजी ने राजकुमार यादव और उनके बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है, ताकि इस संगठित अपराध नेटवर्क की गहराई तक पहुंचा जा सके।

एसओजी की जांच में यह भी सामने आया है कि यह पेपर लीक कोई इकलौता मामला नहीं है। राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में कई बड़ी भर्ती परीक्षाएं, जैसे REET, पटवारी, और RAS, पेपर लीक के घोटालों से प्रभावित रही हैं। इस मामले में अब तक 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें 44 प्रशिक्षु सब-इंस्पेक्टर, पूर्व राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) सदस्य रामूराम रायका, और दस्तावेज लीक गिरोह के 30 से अधिक सदस्य शामिल हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं- इस घटना ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर तंज कसते हुए लिखा, “मतलब जहाँ ‘प्रोटेक्शन’ था वहाँ से ही ‘लीक’ हुआ!!!” यह बयान कांग्रेस और गहलोत सरकार पर सीधा हमला माना जा रहा है।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यदि कोई अपराध में संलिप्त है, तो कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल एवं उनके पुत्र को एसओजी ने हिरासत में लिया है। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे आशा है कि एसओजी बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर एक निष्पक्ष नतीजे पर पहुंचेगी।”

इसके अलावा, IPS अधिकारी पंकज कुमार चौधरी, जो वर्तमान में सामुदायिक पुलिसिंग के लिए पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं, ने इस मामले में गहलोत की गिरफ्तारी की मांग की है। चौधरी ने दावा किया कि गहलोत ने RPSC में ऐसे लोगों को नियुक्त किया जिनके पिछले रिकॉर्ड की जांच नहीं की गई, जिसके कारण पेपर लीक जैसे घोटाले सामने आए। उन्होंने एक्स पर तीन मांगें रखीं।

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