
नई दिल्ली,एनएसआई मीडिया। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 237वें सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक अहम घोषणा की है। कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना में तीन बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे हजारों परिवारों को फायदा मिलेगा।
28 फरवरी 2025 को हुई बैठक में क्या फैसले लिए गए?
इस बैठक में EPF सदस्यों के परिवारों को डेथ क्लेम के मामले में राहत देने के लिए अहम सुधार किए गए हैं। ये बदलाव न सिर्फ बीमा राशि बढ़ाने के लिए हैं, बल्कि कवरेज को भी विस्तार दिया गया है। आइए जानते हैं कौन-कौन से फैसले लिए गए।
- एक साल की सेवा के अंदर मृत्यु पर भी मिलेगा बीमा
पहले एक साल की सेवा पूरी किए बिना मृत्यु होने पर बीमा का लाभ नहीं मिलता था। लेकिन अब, यदि किसी EPF सदस्य की एक साल से पहले ही मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को न्यूनतम ₹50,000 बीमा राशि मिलेगी। यह बदलाव हर साल लगभग 5,000 परिवारों को राहत देगा। - नॉन-कॉन्ट्रिब्यूटरी पीरियड के बाद भी मिलेगा बीमा क्लेम
पहले, अगर किसी कर्मचारी ने EPF खाते में कुछ समय तक योगदान नहीं दिया और इस दौरान उसकी मृत्यु हो गई, तो बीमा राशि नहीं मिलती थी। लेकिन नए नियम के तहत, अगर अंतिम योगदान के 6 महीने के अंदर सदस्य की मृत्यु होती है और उसका नाम अभी भी कंपनी की लिस्ट में है, तो उसके परिवार को बीमा राशि मिलेगी। इस फैसले से हर साल 14,000 से ज्यादा परिवारों को लाभ मिलेगा।
- जॉब बदलने पर भी नहीं कटेगा बीमा लाभ
पहले, यदि EPF सदस्य ने नौकरी बदली और नई नौकरी जॉइन करने में 1-2 दिन का गैप आ गया, तो उसे EDLI लाभ नहीं मिलता था। लेकिन अब, अगर नौकरी बदलने के दौरान 2 महीने तक का गैप आता है, तब भी कर्मचारी का बीमा कवर जारी रहेगा। इस फैसले से हर साल 1,000 से अधिक परिवारों को फायदा होगा।
EPFO ने किया सोशल सिक्योरिटी को मजबूत
ये बदलाव सरकार की सामाजिक सुरक्षा नीति को और मजबूत करेंगे और उन परिवारों को राहत देंगे जो पहले बीमा लाभ से वंचित रह जाते थे।
EPF पर 8.25% का मिलेगा ब्याज
इसके अलावा, बैठक में यह भी फैसला किया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए EPF खातों पर 8.25% ब्याज दिया जाएगा। सरकार जल्द ही इस पर आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करेगी, जिसके बाद यह ब्याज EPF खातों में क्रेडिट कर दिया जाएगा।
क्या है EDLI योजना?
EPFO की EDLI योजना 1976 में शुरू की गई थी, जिसमें EPF सदस्य की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को अधिकतम ₹7 लाख तक की बीमा राशि मिलती है।