August 8, 2025

नई दिल्ली,एनएसआई मीडिया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने 7 अगस्त 2025 को मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में तनाव बढ़ रहा है, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा भारत पर रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण 25% अतिरिक्त टैरिफ (कुल 50%) लगाने के हालिया फैसले के बाद, इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करना और द्विपक्षीय सहयोग के नए रास्ते तलाशना था।

बैठक के प्रमुख बिंदुरक्षा सहयोग: भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से मजबूत साझेदारी रही है। डोभाल और पुतिन ने रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, संयुक्त सैन्य अभ्यास, और तकनीकी सहयोग पर चर्चा की।

विशेष रूप से, S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति और अन्य रक्षा परियोजनाओं पर प्रगति की समीक्षा की गई। भारत रूस से उन्नत हथियार प्रणालियों और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर जोर दे रहा है, ताकि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बढ़ावा मिले।
ऊर्जा सहयोग: ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग इस बैठक का एक प्रमुख एजेंडा था। रूस भारत के लिए कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता है। हाल के वर्षों में, भारत ने रूसी तेल की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि की है, खासकर यूक्रेन संकट के बाद रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण।

डोभाल और पुतिन ने रूसी तेल और गैस की आपूर्ति को और सुचारू करने, साथ ही संयुक्त ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश के अवसरों पर विचार-विमर्श किया। इस संदर्भ में, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए वैकल्पिक व्यापार तंत्रों, जैसे रुपये-रूबल व्यापार व्यवस्था, पर भी चर्चा हुई।


आर्थिक और व्यापारिक संबंध: दोनों नेताओं ने भारत-रूस व्यापार को 30 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य पर जोर दिया। इसके लिए, दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और निवेश साझेदारी को बढ़ावा देने पर विचार किया गया। रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में भारतीय निवेश और संयुक्त उपक्रमों पर भी विशेष ध्यान दिया गया।
क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे: डोभाल और पुतिन ने क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, और अफगानिस्तान, मध्य एशिया, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। भारत ने रूस के साथ शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को और मजबूत करने की इच्छा जताई।


पुतिन की भारत यात्रा: इस मुलाकात में राष्ट्रपति पुतिन की इस साल के अंत में प्रस्तावित भारत यात्रा की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। यह यात्रा भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का हिस्सा होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर गहन बातचीत होगी। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और बल मिलने की उम्मीद है।

डोभाल और शोइगु की बैठक
पुतिन के साथ मुलाकात से पहले, अजीत डोभाल ने रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु के साथ भी विस्तृत बातचीत की। इस बैठक में दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को गहरा करने, खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान, और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते खतरों से निपटने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की। शोइगु के साथ बातचीत में यूक्रेन संकट और इसके वैश्विक व्यापार व ऊर्जा आपूर्ति पर प्रभाव पर भी विचार-विमर्श हुआ।

वैश्विक संदर्भ और महत्व – यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है। एक ओर, भारत रूस के साथ अपनी ऐतिहासिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है, वहीं दूसरी ओर, अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ संबंधों को भी बनाए रखना चाहता है। अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ ने भारत के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं, क्योंकि भारत रूसी तेल पर निर्भरता को कम करने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश कर रहा है, साथ ही रूस के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को भी बनाए रखना चाहता है।
भारत-रूस संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम
अजीत डोभाल और व्लादिमीर पुतिन की यह मुलाकात भारत-रूस संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा, ऊर्जा, और आर्थिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में ठोस प्रगति की उम्मीद है, जो दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी होगी। पुतिन की आगामी भारत यात्रा और दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग से यह स्पष्ट है कि भारत और रूस वैश्विक चुनौतियों के बीच अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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