
मुंबई,एनएसआई मीडिया। भारत के सबसे दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए सोमवार का दिन बड़ी परेशानी लेकर आया है। भारत का सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस के शेयर सोमवार को 3% गिर गए है। कंपनी के शेयर में आई तीन फीसदी की गिरावट के बाद इसका आंकड़ा अब 1,163.70 रुपये पर आ गया है। हैरानी की बात है कि ये गिरावट आने के बाद रिलायंस का शेयर बीते 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गया। पिछले छह महीनों में, आरआईएल के शेयरों के मूल्य में 23% की गिरावट आई है और 1,608.95 रुपये के शिखर से 28% नीचे है।
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) एक बहु-क्षेत्रीय फर्म है, जो तेल से लेकर दूरसंचार, डिजिटल सेवाओं और नेटवर्क और खुदरा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देती है। हाल के कारोबारी सत्रों के दौरान आरआईएल में उतार-चढ़ाव में वृद्धि देखी गई है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरआईएल के शेयर की कीमत में यह गिरावट लगातार और महत्वपूर्ण विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिक्री और वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण कॉर्पोरेट मुनाफे को प्रभावित करने की चिंताओं के कारण हुई है।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय शेयरों को बेचना जारी रखते हैं और शेयर बाजारों में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के कारण कमजोर धारणा बनी हुई है। हाल के हफ्तों में विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों की लगातार बिक्री सख्त मौद्रिक नीतियों, भू-राजनीतिक संघर्षों और मजबूत होते अमेरिकी डॉलर से जुड़ी चिंताओं के कारण हुई है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में भारतीय इक्विटी के शुद्ध विक्रेता एफआईआई रहे हैं, जिन्होंने आरआईएल जैसे ब्लू-चिप शेयरों पर दबाव डाला है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी कम हुआ है, जो भारतीय बाजारों पर हावी समग्र बिक्री भावना को दर्शाता है।
शेयर बाजार विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में आरआईएल की रिकवरी एफआईआई प्रवाह में संभावित स्थिरता और सकारात्मक मैक्रोइकॉनोमिक संकेतकों से तय हो सकती है। निवेशक आरआईएल स्टॉक के भविष्य के प्रक्षेपवक्र का मूल्यांकन करने के लिए किसी भी प्रमुख घरेलू नीति विकास, वैश्विक आर्थिक संकेतों और कॉर्पोरेट आय पर नज़र रख रहे हैं।