
अमेरिका की टैरिफ को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश
नई दिल्ली,एनएसआई मीडिया। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर इतना बढ़ गया है कि पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक दोस्ती अब टूटती नजर आ रही है। दरअसल आज पीएम मोदी के चीनी दौरे पर जाने के ऐलान के साथ ही ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इस ऐलान की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विदेश मामलों के एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका की ओर से टैरिफ को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी दबाव में कोई फैसला नहीं लेंगे। ऐसे में ट्रंप और मोदी की दोस्ती के बीच खटास लगातार बढ़ रही है। हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि रिश्तों में ये तनाव कुछ समय के लिए है, धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो जाएंगी।
31 अगस्त को चीन जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को चीन जाएंगे। 2018 के बाद यह उनका पहला चीन दौरा होगा। यह दौरा भारत और चीन के संबंधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी का यह पांचवां चीन दौरा होगा। इससे पता चलता है कि भारत और चीन के रिश्ते कितने अहम हैं। हालांकि, जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते बहुत बिगड़ गए थे। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा टैरिफ बम फोड़ दिया है। ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 50% टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है।
आखिर क्यों खफा हैं ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है। उन्होंने पहले 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इससे पहले, उन्होंने 30 जुलाई को 25% टैरिफ लगाने की बात कही थी। अब उन्होंने 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। ट्रंप का कहना है कि अगर भारत ने कोई जवाब दिया तो वे टैरिफ को और भी बढ़ा देंगे। यह टैरिफ दो चरणों में लागू होगा। पहला चरण 7 अगस्त से शुरू होगा, जिसमें 25% टैरिफ लगेगा। दूसरा चरण 27 अगस्त से शुरू होगा। ट्रंप ने भारत पर रूस की मदद करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर उसे बाजार में बेच रहा है और मुनाफा कमा रहा है। इस वजह से वे भारत पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं।