August 1, 2025

-पीयूष पुरोहित

जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह को दूर करने के लिए पार्टी आलाकमान एक्टिव मोड में है। आलाकमान की कोशिश है कि किसी भी हाल में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सियासी जंग को रोका जाए और पार्टी को एकजुट किया जाए।

मुलाकात के मायने

इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच संभावित मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस का सियासी नरेटिव बदल सकता है और पार्टी को एकजुट करने में मदद मिल सकती है। सचिन ने पिता राजेश पायलेट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए गहलोत को घर जाकर आमंत्रित किया। इस मुलाकात के बाद आपस में सुलह की खबरे आई है।

गहलोत का रुख

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि वह पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन करेंगे और पायलट के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं। गहलोत ने कहा कि वह पार्टी को एकजुट करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

चुनावी रणनीति

आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के लिए पार्टी आलाकमान ने एक मजबूत रणनीति बनाई है। इसमें नेताओं के बीच मतभेदों को दूर करना, कार्यकर्ताओं को एकजुट करना और जनता के बीच सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाना शामिल है।

गहलोत-पायलट मुलाकात के बाद कांग्रेस का सियासी नरेटिव बदल सकता है और पार्टी को एकजुट करने में मदद मिल सकती है। आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के लिए पार्टी आलाकमान की रणनीति महत्वपूर्ण होगी।

आगे की राह

अब देखना यह होगा कि गहलोत-पायलट मुलाकात के बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह दूर होती है या नहीं। अगर पार्टी एकजुट हो जाती है तो आगामी विधानसभा चुनावों में उसकी जीत की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

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