
पटना,एनएसआई मीडिया। भाजपा ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक बड़ा दांव खेला है। पार्टी का फोकस अब प्रवासी बिहारियों पर है, जो विभिन्न राज्यों में रहते हैं। भाजपा का लक्ष्य है कि इन प्रवासी बिहारियों को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाए।भाजपा का फोकस दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बसे करीब 2.75 करोड़ प्रवासी बिहारी वोटरों पर है। अमित शाह और जेपी नड्डा खुद इस पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
कैसे करेगी भाजपा प्रवासी बिहारियों तक पहुंच?
- भाजपा ने 150 नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाई है, जो पूरे देश में प्रवासी बिहारियों से संपर्क करेगी।
- पार्टी ने एक ऐप बनाया है, जिस पर प्रवासी बिहारियों का डेटा अपलोड किया जाएगा।
- इस ऐप के जरिए फॉलोअप कॉल करके पता लगाया जाएगा कि वे वोट देने बिहार आएंगे या नहीं।
- चुनाव की तारीख नजदीक आने पर भाजपा 14 सवालों की प्रश्नावली के जरिए फिर प्रवासी बिहारियों से संपर्क करेगी।
क्या है भाजपा का लक्ष्य?
- भाजपा का लक्ष्य है कि हर विधानसभा सीट से कम से कम 5,000 प्रवासी बिहारी मतदान करें।
- पार्टी का मानना है कि अगर वह हर सीट से कम से कम 5,000 प्रवासी बिहारी वोट हासिल कर ले तो न सिर्फ वोट प्रतिशत बढ़ेगा, बल्कि पीके के संभावित नुकसान की भरपाई भी हो सकेगी।
क्यों है प्रवासी बिहारियों का महत्व? - प्रवासी बिहारी विभिन्न राज्यों में रहते हैं, लेकिन वे अपने गृह राज्य के प्रति वफादार रहते हैं।
- वे अपने क्षेत्र की समस्याओं और जरूरतों को अच्छी तरह से जानते हैं।
- प्रवासी बिहारियों के वोट भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, खासकर उन सीटों पर जहां एनडीए कुछ वोटों से हारी थी ।