
अभियान के 2 सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई बड़ी कार्यवाही नहीं
बीकानेर। अवैध माइनिंग को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कड़े रूख के बाद भी बीकानेर में अवैध माइनिंग के खिलाफ कार्यवाही खान विभाग ने कोई बड़ी कार्यवाही नहीं कर सका है। अवैध के खिलाफ चलाया जा रहा यह अभियान महज खाना पूर्ति बनकर रह गया है।
अभियान को लेकर सुस्ती-मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भी जिले में अवैध माइनिंग को लेकर सयुंक्त अभियान चला हो ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। माइनिंग विभाग और अन्य विभागों के बीच समन्वय का अभाव सीधे देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों श्री डूंगरगढ़ में हुई कार्यवाही में परिवहन विभाग और पुलिस थी। इस कार्यवाही में माइनिंग विभाग नदारद था। खान विभाग के नदारद रहने को लेकर सवाल खड़े किये गए थे।
अब तक सिर्फ 12 कार्यवाही-जानकारी के अनुसार 1 अप्रेल से चले इस अभियान में अवैध खनन और निर्गमन को लेकर महज 12 कार्यवाही की गई है। इसमें एक मामला कोलायत थाने में दर्ज हुआ है। बाकि मामलों में सस्ती वसूली गई है।
बड़े अधिकारी फिल्ड से दूर-बीकानेर में इस अभियान को लेकर बड़े अधिकारी फिल्ड में नहीं देखे जा रहे है। कार्यवाही में कुछ ही लोग लगे और इन्हे भी अलग से निर्देश भी दिए गए है कि क्या करना है। सूत्रों ने बताया कि विभाग के कुछ अधिकारी मुख्यालय से दूर अपने घर- परिवार के साथ समय बिता रहे है।
अवैध खनन चिन्हित फिर कार्यवाही नहीं-बीकानेर जिले सहित प्रदेशभर में अवैध खनन के एरिया चिन्हित है। बीकानेर में लगभग एक दर्जन अवैध खनन के स्थान चिन्हित है। चिन्हित स्थानों से सैकड़ों की वाहन खनन- परिवहन कर ले जाते है। लेकिन कार्यवाही के नाम पर महज खानापूर्ति ही की जा रही है।
मुखबीर रहते है सक्रीय-जिले में अवैध खनन से जुड़े लोगों का एक नेटवर्क है। जो जिले से जिप्सम और बजरी जैसे कारोबार से जुड़े है। यह नेटवर्क हर सूचना से अपडेट रहता है। खान विभाग बीकानेर में ऐसे लोगों से जुड़ें लोगों की सीधी पहुंच माइनिंग इंजिनियर तक है। ऐसे लोग दिनभर विभाग में बैठे सूचनाएं एकत्रित करते है।
500 से अधिक वाहनों की निकासी
जानकारी के अनुसार बीकानेर जिले में अवैध माइनिंग और ओवर लोड से जुड़े वाहन निरन्तर जिले से पास के जिलों में आते -जाते है। अवैध जिप्सम और बजरी की ओवरलोड वाहनों का दिन रात आवागमन को लेकर कोई रोक टोक नहीं है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक बीकानेर से प्रतिदिन 500 से अधिक ट्रकों का जिले से बाहर जाना रहता है।